Kainchi Dham: क्यों प्रसिद्ध है कैंची धाम! क्यों कहा जाता है यहां के महाराज को हनुमान जी का कलयुग अवतार?

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Kainchi-dham-Neem-Karoli-baba: Kainchi Dham: क्यों प्रसिद्ध है कैंची धाम! क्यों कहा जाता है यहां के महाराज को हनुमान जी का कलयुग अवतार? Kainchi Dham: कैंची धाम आश्रम एक ऐसी जगह है जहां पर कोई मुराद लेकर जाता है तो खाली हाथ नहीं लौटता। यह पवित्र स्थान उत्तराखंड में स्थित है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं, यह धाम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में प्रसिद्ध है, यहां एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स से लेकर फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने आकर माथा टेका है,

Kainchi Dham: कैंची धाम आश्रम एक ऐसी जगह है जहां पर कोई मुराद लेकर जाता है तो खाली हाथ नहीं लौटता। यह पवित्र स्थान उत्तराखंड में स्थित है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं, यह धाम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में प्रसिद्ध है, यहां एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स से लेकर फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने आकर माथा टेका है।

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इतना ही नहीं बल्कि यहां देश-विदेश से बड़े-बड़े सेलिब्रिटी भी दर्शन के लिए आते हैं। इस जगह से लाखों लोगों की श्रद्धा जुड़ी है। यहां हर साल भव्य भंडारे का आयोजन किया जाता है, आखिर इतना क्यों प्रसिद्ध है कैंची धाम! और कौन है इसके महाराज जिन्हें कहा जाता है हनुमान जी का अवतार!

यदि आपके मन में ऐसे कोई सवाल हैं तो आज आपको इन सवालों के जवाब मिलने वाले है, क्योंकि यहां हम कैंची धाम से जुड़ी हर एक जानकारी आपके साथ शेयर करने जा रहे हैं तो इसलिए आप हमारे इस आर्टिकल को अंत तक जरूर पढ़ें।

कहां है Kainchi Dham? जिसमें निवास करते हैं नीम करोली बाबा

Kainchi Dham: कैंची धाम आश्रम एक ऐसी जगह है जहां पर कोई मुराद लेकर जाता है तो खाली हाथ नहीं लौटता। यह पवित्र स्थान उत्तराखंड में स्थित है और यहां हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन करने के लिए आते हैं, यह धाम सिर्फ भारत में ही नहीं बल्कि दुनिया में प्रसिद्ध है, यहां एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स से लेकर फेसबुक के संस्थापक मार्क जुकरबर्ग ने आकर माथा टेका है,

कैंची धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में भवाली-अल्मोड़ा नेशनल हाईवे के किनारे पर स्थित है, यह नैनीताल-अल्मोड़ा रास्ते पर नैनीताल से करीबन 17 किलोमीटर और भवाली से 9 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है। कैंची धाम में नीम करोली बाबा का मंदिर है, जो यहां आस्था का प्रतीक है।


यहां आने से हर साल न जाने कितने श्रद्धालुओं की मनोकामनाएं पूरी होती है। बाबा के भक्तों ने इस स्थान पर हनुमान जी का भी भव्य मन्दिर बनवाया है, बता दें कैंची धाम आश्रम और मंदिर शिप्रा नदी के तट पर बना हुआ है, हनुमान जी की मूर्ति के पास स्थित चमत्कारी बाबा नीम करोली बाबा की मूर्ति की मान्यता इतनी है कि वहां लोगों की हमेशा भीड़ लगी रहती है।

कौन है नीम करोली बाबा (Neem Karoli Baba)? जो देश ही नहीं पूरी दुनिया में है प्रसिद्ध!

चमत्कारी बाबा नीम करोली महाराज एक सीधे-साधे व्यक्ति थे जिन्हें आज उनकी आस्था से जुड़े लोग हनुमान जी का कलयुग का अवतार मानते हैं। इनका जन्म सन् 1900 के आसपास उत्तर प्रदेश के अकबरपुर गांव में हुआ था, सीधे-साधे परिवार में जन्मे नीम करोली बाबा के पिता का नाम दुर्गा प्रसाद शर्मा था।

17 वर्ष की उम्र में ही उन्हें ज्ञान की प्राप्ति हो गई थी और सन 1958 में इन्होंने अपना घरबार त्यागकर हनुमान जी के चरणों में अपना पूरा जीवन समर्पण कर दिया। हनुमान जी के परम भक्त नीम करोली बाबा ने देश मे कई आश्रम और हनुमान जी के मंदिर बनवाए है।
जानकारी के लिए आपको बता दे बाबा नीम करौली महाराज के देश और दुनिया में करीब 108 आश्रम हैं, इन आश्रमों में सबसे बड़ा कैंची धाम है, इसके बाद अमेरिका के न्यू मैक्सिको सिटी स्थित टाउस नीम करोली बाबा का सबसे बड़ा आश्रम है।

कहा जाता है कि नीम करौली महाराज को भगवान हनुमान जी की उपासना करने के बाद अनेकों चमत्कारिक सिद्धियां प्राप्त हुई थीं, लेकिन फिर भी बाबा बेहद साधारण तरीके से रहते थे और अपने पैर किसी को नहीं छूने देते थे। सिर्फ आम आदमी ही नहीं बल्कि देश और दुनिया के करोड़पति और अरबपति भी बाबा की आराधना करने कैंची धाम आते है।

कब हुई Kainchi Dham की स्थापना!

सन् 1962 में नीम करोली बाबा पहली बार कैंची धाम आए थे, यहां उन्होंने अपने पुराने मित्र पूर्णानंद जी के साथ मिलकर आश्रम बनाने का विचार किया और सन् 1964 में इन्होंने आश्रम की स्थापना की, कैंची धाम आश्रम के साथ इन्होंने वृंदावन में भी आश्रम बनवाया था।

बाबा ने देशभर में 12 प्रमुख मंदिर बनवाये, उनके देहांत के बाद उनके भक्तों ने 9 और मंदिरों का निर्माण किया। आज देशभर में नीम करोली बाबा द्वारा बनवाए गए सभी आश्रम और मंदिर श्रद्धालुओं की आस्था का केंद्र है।

नीम करोली बाबा | Neem Karoli Baba

कैसे पड़ा बाबा का नीम करोली नाम!

बाबा का मूल नाम लक्ष्मीनारायण शर्मा था, पर एक चमत्कार के बाद इनका नाम नीम करोली बाबा पड़ गया। दरअसल एक बार यह ट्रेन में सफर कर रहे थे, इस दौरान जब टिकट चेकर ने उनसे टिकट मांगा तो उनके पास टिकट नहीं था, जिसके बाद टीटी ने उन्हें अगले स्टेशन ‘नीम करोली’ पर ट्रेन से उतार दिया, इसके बाद बाबा अपना चिपटा धरती में गाड़कर वहीं बैठ गए, इसके बाद टीटी ने ट्रेन चलाने के लिए हरी झंडी दिखाई, लेकिन ट्रेन एक इंच भी आगे नहीं बढ़ी।
तमाम कोशिशों के बावजूद ट्रेन जब अपनी जगह से टस से मच नहीं हुई, तब लोकल मजिस्ट्रेट (जो बाबा को जानता था) ने अधिकारीयों को बाबा से माफी मांगने और उन्हें सम्मान पूर्वक ट्रेन में बैठने के लिए कहा, इसके बाद अधिकारियों ने उनसे माफी मांगी और उन्हें अंदर ले गए।
जैसे ही बाबा ने ट्रेन में प्रवेश किया तो वह तुरंत चल पड़ी, तभी से लक्ष्मीनारायण शर्मा का नाम नीम करोली बाबा पड़ गया। नीम करोली बाबा के ऐसे सैकड़ो चमत्कारी किस्से हैं जिन्होंने देश और दुनिया के लोगों को प्रभावित किया है।

नीम करोली बाबा के चमत्कारी किस्से

बाबा को यूं ही नहीं हनुमान जी का अवतार कहा जाता है, उनके चमत्कारों के बारे में सुनकर बड़े-बड़े सिद्ध और साधु उनके सामने सिर झुका देते हैं। माना जाता है कि जब नीम करोली महाराज जिंदा थे, जब एक बार कैंची धाम के भंडारे में घी की कमी पड़ गई थी, तब उन्होंने नजदीक बहती नदी से एक बाल्टी जल लाने को कहा और जब वह जल प्रसाद बनाने के लिए उपयोग में लाया गया तो वह घी में बदल गया। बाबा के इस चमत्कार को देखकर वहां मौजूद लोग हैरान रह गए और उनके चरणो में शीश झुका दिया।

नीम करोली बाबा का निधन

अपने चमत्कारों के लिए मशहूर नीम करोली बाबा का सन् 1974 में निधन हो गया था, करीब 74 साल की उम्र में यह भले ही इस दुनिया को छोड़कर चले गए हो, लेकिन इनका अस्तित्व हमेशा बना रहेगा। नीम करोली आश्रम के पास परिसर में ही चमत्कारी बाबा का भी मंदिर और प्रार्थना कक्ष बनाया गया है।
वहीं नीम करोली बाबा के बाजू में हनुमान जी का मंदिर है, हनुमान जी के अलावा वहाँ देवी दुर्गा और भगवान राम एवं सीता माता के भी छोटे-छोटे मंदिर बने हुए हैं, लेकिन कैंची धाम मुख्य रूप से नीम करौली बाबा और हनुमान जी की महिमा का केंद्र है।

कैंची धाम में हर साल होता है भंडारे का आयोजन

धाम में हर साल 15 जून को विशाल भंडारे का आयोजन किया जाता है और उसे दौरान देश और विदेश से लाखों श्रद्धालु वहां प्रसाद खाने के लिए आते हैं। दरअसल 15 जून सन् 1964 को कैंची धाम मंदिर में हनुमान जी की मूर्ति की स्थापना की गई थी और तभी से उस दिन को प्रतिष्ठा दिवस के रूप में मनाया जाता है और इस दौरान मेले और भंडारे का आयोजन होता है।

मार्क जुकरबर्ग से लेकर स्टीव जॉब्स तक थी नीम करौली वाले बाबा के भक्त!

कैंची धाम और नीम करोली वाले बाबा की मान्यता जितनी भारत में है उतनी ही विदेशों में भी है, इनके आश्रम में ज्यादातर अमेरिकी लोग ही आते हैं, यहां आने वाले हर एक भक्तगण की मनोकामना पूरी होती है, जो यहां सच्चे मन से अपने मनोकामना लेकर आता है वह कभी खाली हाथ नहीं जाता है।
नीम करोली वाले बाबा की सिद्धि से प्रभावित होकर एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स 1974 से 1976 के बीच कैंची धाम आश्रम में आये थे, लेकिन जब वह कैंची धाम आश्रम पहुंचे तब बाबा समाधि ले चुके थे, कहा जाता है कि स्टीव जॉब्स को एप्पल के लोगो का आईडिया भी यही से आया था।
वहीं जब मार्क जुकरबर्ग फेसबुक को बेचने के कंफ्यूजन में थे तब उन्हें स्टीव जॉब्स ने कैंची धाम आने की सलाह दी थी और स्टीव जॉब्स की सलाह पर मार्क जुकरबर्ग भारत आए और दो दिनों तक कैंची धाम आश्रम में रहे और नीम करोली बाबा और हनुमान जी की आराधना की।
इसके अलावा हॉलीवुड एक्ट्रेस जूलिया रॉबर्ट जब अपनी फिल्‍म ईट, प्रे और लव की शूटिंग के लिए भारत आईं थी, तो वो भी नीम करोली बाबा की तस्वीर से इतनी प्रभावित हुई कि उन्होंने हिंदू धर्म मे खुद को बदल लिया।

विराट कोहली ने भी किये कैंची धाम के दर्शन

नीम करोली बाबा के चमत्कारों को बॉलीवुड के बड़े-बड़े सेलिब्रिटीज मानते हैं, कुछ समय पहले ही भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान विराट कोहली अपनी पत्नी और बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा के साथ धाम में पहुंचे और चमत्कारी बाबा के दर्शन किए

कैंची धाम से संबंधित प्रश्न | Kainchi Dham FAQ

Q1. कैंची धाम कहां है?

Ans. धाम उत्तराखंड के नैनीताल जिले में स्थित है, यह नैनीताल-अल्मोड़ा रास्ते पर नैनीताल से करीबन 17 किलोमीटर और भवाली से 9 किलोमीटर की दूरी पर पड़ता है।

Q2. कैंची धाम की स्थापना कब और किसने की थी?

Ans. कैंची धाम की स्थापना सन् 1962 में नीम करोली बाबा ने की थी।

Q3. नीम करोली बाबा का असली नाम क्या था?

Ans. नीम करोली बाबा का वास्तविक नाम लक्ष्मी नारायण शर्मा था।

Q4. नीम करोली बाबा का निधन कब हुआ?

Ans. नीम करोली बाबा का निधन सन 1973 में हुआ था।

Q5. कैंची धाम आश्रम में भंडारे का आयोजन कब होता है?

Ans. कैंची धाम आश्रम में भंडारे का आयोजन हर साल 15 जून को होता है और इस भंडारे में देश और विदेश के श्रद्धालु शिरकत करते हैं।

O6. नीम करोली बाबा को हनुमान जी का अवतार क्यों कहा जाता है?

Ans. नीम करोली बाबा के जीवन में कई ऐसी घटनाएं हुई, जिससे उनकी शक्ति, योग्यता और उपकार के बारे में पता चलता है, जिस वजह से उन्हें भगवान हनुमान का अवतार माना जाता है।

निष्कर्ष | Conclusion

धाम से लाखों करोड़ों श्रद्धालुओं की आस्था जुडी हुई है यहां मौजूद नीम करोली बाबा के मंदिर पर देश और विदेश से माथा टेकने के लिए हर साल लाखों लोग आते हैं, चारों तरफ ऊंची पहाड़ियों से घिरा यह मंदिर लोगों की आस्था का प्रतीक है। दोस्तों आज हमने आपको धाम और बाबा से जुड़ी हर एक जानकारी दी है, अगर आपको यह पसंद आई हो तो हमें कमेंट बॉक्स में जरूर बताएं और हमारे इस आर्टिकल को ज्यादा से ज्यादा लोगों तक शेयर करके जरूर पहुंचाएं।

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