LALCHI “Emotional Hindi Story”

Sundriyal

Updated on:

Uttrakhand Emotional story

उत्तराखंड के छोटे से गांव में एक गरीब स्त्री रहती थी। उसकी एक बेटी थी। बेटी को छोड़कर उसका इस दुनिया में और कोई नहीं था। वह बच्ची बहुत ही सुंदर और भोली थी, इसीलिए हर आदमी को उस से बड़ा स्नेह और लगाव था।एक दिन स्त्री ने थोड़े से चावल निकालकर एक थाली में रखकर सुखाने के लिए धूप में रख दिए और बेटी से उनकी रखवाली करने को कहा। स्त्री स्वयं खेत में काम करने चली गई। बेटी थाली के पास बैठ गई और चिड़ियों को उड़ाने लगी।अभी बेटी को चावलों की रखवाली करते हुए थोड़ा ही समय हुआ था कि एक बड़ा विचित्र सा कौवा उड़ता हुआ वहां आया और थाली के पास बैठ गया। बेटी ने उसे आश्चर्य से देखा। ऐसा कौवा उसने पहले कभी नहीं देखा था। कौवे के पंख सोने के थे और चोंच चांदी की। उसके पांव तांबे के बने हुए थे।

अप्सरा Moral Stories in Hindi

कौवे …!!!

कौवे ने वहां आते ही हँसना और चावल ख़ाना शुरू कर दिया। जब बेटी ने यह देखा तो उसकी आंखों में से आंसू आ गए। उसने चिल्लाकर कहा, “इन चावलों को मत खाओ। मेरी मां बहुत गरीब है। उसके लिए यह चावल बहुत कीमती हैं।”कौवे ने बड़े स्नेह के साथ लड़की की ओर देखा और कहा, “तुम बहुत भोली और अच्छी लड़की हो मैं तुम्हें इन चावलों की कीमत दे दूंगा। तुम कल प्रातः सूरज निकलने से पहले गांव के बाहर बड़े पीपल के पास आ जाना। मैं वहां तुम्हें कुछ दूंगा।” यह कहकर कौवा वहां से उड़ गया।लड़की कौवे की बात को सुन कर बहुत ही खुश हो गई। वह उसी समय से सारे दिन और सारी रात इस विचित्र कौवे के बारे में सोचती रही। बेटी ने इस बारे में अपनी मां को भी नही बताया। दूसरे दिन सुबह जल्दी उठी और सूरज निकलने से पहले ही पीपल के उस पेड़ के नीचे पहुंच गई। अब जब उसने इधर उधर देखा तो उसे कौवा कहीं भी नजर नही आया। फिर उसने पेड़ की पत्तियों के बीच में झांका तो उसके आश्चर्य का कोई ठिकाना नहीं रहा। घनी पत्तियों वाले उस पेड़ की चोटी पर सोने का एक छोटा-सा महल बना हुआ था। वह महल बहुत ही सुंदर था…

और अंधेरे में भी जगमगा रहा था। लड़की बहुत देर तक वहां खड़ी उसे देखती रही।

अब जब वह कौवा सोकर उठा तो उसने अपने महल की खिड़की से मुंह बाहर निकाला और कहा, “ओह, तो तुम आ गई हो। तुम्हें ऊपर आ जाना चाहिए था, लेकिन ठहरो, मैं नीचे सीढ़ी लटकाए देता हूं। बताओ, तुम्हें सोने की सीढ़ी चाहिए, चांदी की या तांबे की?”लड़की ने कहा, “मैं गरीब मां की गरीब बेटी हूं। मैं तो सिर्फ तांबे की सीढ़ी लटकाने को कह सकती हूं।” लेकिन लड़की को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि कौवे ने सोने की सीढ़ी लटका दी और वह उस पर चढ़कर सोने के महल में पहुंच गई । यह छोटा-सा महल तरह-तरह की विचित्र और सुंदर चीज़ों से सजा हुआ था। इसके अंदर भी कोई चीज़ सोने की थी, कोई चांदी की और कोई तांबे की।लड़की बहुत देर तक घूम-घूमकर महल को देखती रही । इसके बाद कौवे ने कहा, “मैं समझता हूं तुम्हें भूख लगी होगी। आओ, पहले थोड़ा नाश्ता कर लो ।” बताओ, तुम सोने की थाली में भोजन करोगी, चांदी की थाली में या तांबे की थाली में?”लड़की ने उत्तर दिया, “मैं गरीब मां की गरीब बेटी हूं। मैं तो सिर्फ तांबे की थाली को कह सकती हूं ।” लेकिन उसे यह देखकर आश्चर्य हुआ कि उसे सोने की थाली में भोजन परोसा गया। जब लड़की ने भोजन कर लिया तो उसके बाद कौवा अपने अंदर वाले कमरे से तीन बॉक्स उठा लाया। इसमें एक बॉक्स बड़ा था, दूसरा उससे छोटा और तीसरा सबसे छोटा। तीनों बक्सों को मेज़ पर रखते हुए कौवा बोला, “इनमें से एक बॉक्स चुन लो। घर जाकर तुम इसे अपनी मां को दे देना।”लड़की ने सबसे छोटा बक्स उठा लिया और कौवे को धन्यवाद दे कर सीढ़ी से उतर गई। जब वह घर पहुंची तो तो उसने मां को सारी बात बताई फिर दोनों मां-बेटियों ने बड़ी खुशी और उल्लास के साथ बॉक्स खोला, उसके भीतर से बहुत सा सोना निकाला। अब उन दोनों की जिंदगी बदलने वाली थी।

वो अपनी जिंदगी में खुश रहना चाहती थी।

उनके पड़ोस में एक स्त्री रहती थी जो बहुत ही लालची थी। उसके एक लड़की थी। यह लड़की भी बड़ी घमंडी और बात-बात में क्रोध करने वाली थी। जब इस स्त्री ने दूसरी स्त्री और उसकी बेटी को अमीर होते देखा तो वह उससे ईर्ष्या करने लगी। बहुत कोशिश करने के बाद उसने उनके अमीर होने के रहस्य का पता लगा लिया।दूसरे दिन उस स्त्री ने भी एक थाली में चावल भरकर धूप में सुखाने के लिए रख दिये और अपनी बेटी को उनकी रखवाली के लिए बैठा दिया।लड़की वहां बैठ तो गई, लेकिन वह बहुत आलसी थी। थोड़ी देर तक तो वह चिड़ियों को उड़ाती रही, फिर थककर एक ओर बैठ गई और पक्षी आ-आकर उसके चावलों को खाने लगे। जब उन्होंने आधे से भी ज्यादा चावल खा लिए थे तो वह विचित्र कौवा वहां आया और चावल खाने लगा। उसे देखते ही वह लड़की ज़ोर से चिलल्‍्लाकर बोली, “ए कौवे, जो चावल तुमने खाए हैं, तुम्हें उनकी कीमत देनी पड़ेगी। हमें ये चावल मुफ्त में ही नहीं मिले हैं जो तुम इस तरह इन्हें खाये जा रहे हो ।”कौवे ने क्रोध से लड़की की तरफ देखा, लेकिन फिर उसने नम्र स्वर में कहा, “अच्छी लड़की, मैं तुम्हें चावलों की कीमत दूंगा। तुम कल सुबह ही सूरज निकलने से पहले उस बड़े पीपल के पेड़ के नीचे आ जाना। वहां मैं तुम्हें कुछ दूंगा ।” इतना कहकर कौवा उड़ गया। अब दूसरे दिन सुबह ही वह लड़की पीपल के उस बड़े पेड़ के नीचे पहुंच गई और कौवे के जागने की प्रतीक्षा किये बिना ही ज़ोर से चिल्लाकर बोली, “ए कौवे, मैं आ गई हूं।

कीमत …..!!!

अब मुझे मेरे चावलों की कीमत दो।”कौवे ने अपने सोने के महल की खिड़की से अपना सिर बाहर निकाला और कहा, “ज़रा ठहरो, मैं नीचे सीढ़ी लटकाए देता हूं। तुम्हें उसपर चढ़कर ऊपर आना होगा। बताओ, तुम्हें सोने की सीढ़ी चाहिए, चांदी की या तांबे की?”लड़की ने तुरंत ही कहा, “तांबे की सीढ़ी पर चढ़ने से तो मेरे हाथ छिल जायेंगे। मुझे तो सोने की सीढ़ी ही चाहिए।”लेकिन लड़की को यह देखकर आश्चर्य हुआ कि कौवे ने उसके लिए तांबे की सीढ़ी लटकाई। उसी सीढ़ी पर चढ़कर लड़की कौवे के सोने के महल में पहुंच गई। उसके वहां पहुंचते ही कौवे ने पूछा, “तुम्हें भूख लगी होगी, पहले थोड़ा नाश्ता कर लो। बताओ, तुम सोने की थाली में भोजन करोगी, चांदी की थाली में या तांबे की थाली में? ”लालची लड़की ने उत्तर दिया, “मैंने तो तांबे की थाली में कभी भोजन नहीं किया, मुझे तो सोने की थाली चाहिए । ”लेकिन उसे यह देखकर निराशा हुई कि उसे तांबे की थाली में ही भोजन परोसा गया। भोजन करने के बाद कौवा अपने अंदर वाले कमरे से तीन बॉक्स उठा कर लाया। इसमें एक बॉक्स बड़ा था, दूसरा उससे छोटा और तीसरा सबसे छोटा। तीनों बॉक्सों को मेज़ पर रखते हुए कौवा बोला, “इनमें से एक बक्स चुन लो। घर जाकर तुम इसे अपनी मां को दे देना। ”लालची लड़की ने सबसे बड़ा बॉक्स उठा लिया और कौवे को धन्यवाद दिये बिना ही सीढ़ी से उतर गई।

काला सांप

अब वह लडकी घर पहुंच गई, दोनो ही मां बेटी बहुत खुश थी। जब वह घर पहुंची तो दोनों मां-बेटियों ने बड़े उल्लास के साथ बॉक्स को खोला, और दोनो क्या देखती हैं कि उस बॉक्स के भीतर तो एक बहुत बड़ा और काला सांप निकला। दोनो ही बहुत ज्यादा डर गई थी, फिर उन दोनो ने उस बॉक्स को बंद करके वापिस जंगल में छोड़ दिया। अब उसकी मां को यह समझ में आ गया था की लालच एक बहुत ही बुरी बला है उसने अपनी बेटी को भी समझाया कि बेटी ऐसा कभी मत करना और कभी लालच भी नही करना। दोनो मां और बेटी को उनके लालच का फल मिल गया। इसके बाद फिर उन दोनो ने कभी भी लालच नहीं किया।

More Hindi Stories

Leave a Comment