Father’s Day Story – पिता: पिता वो हैं जिन्हे हम कभी भी एक शब्द में व्यक्त नही कर सकते हैं। एक बच्चे के लिए उसके माता पिता ही पूरी दुनिया होते हैं। आज पिता का दिन है तो उनके ऊपर एक छोटी सी कहानी है:
अजीज भी है वो,और नसीब भी है वो
दुनिया की भीड़ में करीब भी है वो
उनकी मेहनत और दुआओं से चलती है जिंदगी
क्योंकि तकदीर भी है वो, और भगवान भी है वो!!
यह बात है लगभग 1985 की और मुझे अच्छे से याद भी है कि तब मेरे पापा की उम्र लगभग 30-31 साल थी, और तब मैं लगभग 6-7 साल का था। तब मेरे पापा मुझे मेले में ले जाया करते थे बाजार और शहर में नए आए हुए जादूगर और सर्कस को दिखाने के लिए। मेरा वो छोटा सा हाथ और छोटी छोटी उंगलियां और उनका वो बड़ा सा हाथ। बचपन में मम्मी किसी भी मंदिर के सामने या किसी भी मूर्ति को देखकर कहती थी कि बेटा जय करो वो भगवान जी हैं, मानो यह जो हाथ मेरा पापा ने पकड़ा है ये उसी सर्वशक्तिमान का हाथ है जो कभी मम्मी बताया करती थी।
आज मैने लगभग 30 साल के लंबे समय अंतराल के बाद पापा का फोन देखा (जो कि उन्होंने नहीं खरीदा था क्योंकि पापा लोग फोन नहीं खरीदा करते, बस मैंने कुछ साल पहले वो फोन चलाना छोड़ दिया था तो उस फोन को तो पापा ने ले लिया)। उस फोन में मैं यूट्यूब तक पहुंचा तो मैंने सबसे पहले देखा अक्षय कुमार अभिनीत फिल्म जानवर का एक गाना जो पापा के फोन के यूट्यूब में सबसे ऊपर था और उसकी प्लेइंग लाइन लाल हो रखी थी। अर्थात उन्होंने वह सुना था। वह गाना शायद सभी के पिता ने सुना हुआ होगा जो भी हम 90s के बच्चो के पिता है।
फिर मैं फोटो देखने लगा तो उसमें बहुत लोगों की फोटो थी। हम सब भाई बहनों की, रिश्तेदारों की, लेकिन उन सब के बीच में सबसे महत्वपूर्ण थी पापा की सेल्फी। जो कि आड़ी टेढ़ी थी सारी की सारी। पापा की एक भी फोटो 2021 के समय के हिसाब से नहीं थी क्योंकि पहली बात तो उन्हें सेल्फी लेने का शौक नही था और दूसरा उनको सही तरीके से सेल्फी लेना भी नही आता था। उन्होंने शायद मोबाइल के बारे में भी तब ही सुना जब वह पिता बन चुके थे लेकिन वो तश्वीरें एक से बढ़कर एक थी। उन तस्वीरों की सुंदरता को शब्दों में नहीं लिखा जा सकता।
इन सब तश्वीरों को देखकर लगा की न जाने उन्होंने कितनी इच्छाएं अपने अंदर दफ्न करके रखी होंगी, जो हम बच्चों की इक्ष्छाओं की पूर्ति करने के लिए कभी बाहर न निकली।
उनका भी मन करता होगा की वह सेल्फी लें, पहाड़ों पर घूमने के लिए जाएं, हेडफोन लगा कर आज फिर जीने की तमन्ना है गाना सुने और भी बहुत कुछ करने का मन किया करता होगा…आज हम करते है लेकिन पापा सब दबाते गए और इस सब के बीच वो कब बूढ़े दिखने लगे पता न चला। हमने कभी पापा का पुराना चेहरा याद न रखा जैसे वो हमारे बचपन से लेकर अब तक के सारे लम्हों को सहेज कर अपने दिल में रखे हुए है। पापा आज भी उसी तरह दिखाते है खुद को जैसे अभी अभी वह 30 साल के हुए हैं और घर के बाहर के हों या कोई भी काम हो वो सारे अकेले निपटा देते हैं।
इसलिए पिता कभी बूढ़े नही होते, बूढ़ी हो जाती है उनकी इच्छाएं। #father’sday
Father’s Day
Father’s day story
Moral Stories in Hindi