Hindi Moral Stories
एक समय की बात है जब एक गांव में एक गरीब किसान रहता था। वह अपना खर्चा चलाने के लिए दिन भर खेतों में खेती करता था। किसान के पास दो बैल थे जिनसे वह अपने खेतों को जोता करता था। किसान की पत्नी भी उसके साथ दिन भर काम करती थी। एक बार की बात है उस क्षेत्र में अत्यधिक बारिश हुई। अधिक बारिश होने की वजह से गांव में बाढ़ आ गई और बाढ़ के साथ साथ ही कई बड़े बड़े पत्थर भी बहते बहते आ गए। किसान की सारी फसल खराब हो गई थी और साथ ही वो बड़े बड़े पत्थर भी उस किसान के खेतों में आ कर ही रुक गए। किसान यह सब देख कर बहुत ज्यादा दुखी हुआ। उसका मन खेती करने से हट गया था परंतु, उसकी मजबूरी ने उसे एक बार फिर से खेती करने पर मजबूर कर दिया था। किसान ने पहले वो बड़े बड़े पत्थर हटाने का सोचा परंतु वह उन्हें हिला भी नहीं पाया। पत्नी ने भी साथ दिया परंतु कुछ भी न हुआ। दोनो ने बैलों की मदद भी ली परंतु पत्थर बहुत बड़े थे उनसे हिले भी नही। फिर किसान ने सोचा कि इन पत्थरों को तोड़ना पड़ेगा। दूसरे ही दिन वह घन लेकर खेत में पहुंच गया और काम शुरू कर दिया। गर्मियों के दिन थे वह पसीने से लथपथ हो गया था और बहुत ज्यादा थक भी गया था। तभी अचानक वहीं बगल से उस राज्य के राजा की सवारी गुजरी। राजा आराम से पालकी में बैठे हुए थे। चार लोगों ने उन्हें कंधों पर उठाया हुआ था और दो लोग दोनो तरफ से राजा पर पंखा कर रहे थे। उस किसान ने राजा की सवारी देखी तो उसने अपना काम बंद कर दिया। सवारी गुजरने के बाद उसने थोड़ी देर आराम करने की सोची और वही बगल में एक पेड़ के नीचे लेट गया। उसे बहुत थकान हो गई थी, थकान से उसकी आँख लग गयी और सपने में भगवान प्रकट हुए।
भगवान प्रकट
भगवान ने कहा “हे वत्स मैं तेरी दिन रात की मेहनत से बहुत प्रसन्न हूँ तू जो मांगना चाहता है वो मांग”। किसान बोला “हे भगवान मुझे राजा बना दो क्योंकि राजा सबसे बड़ा होता है और बहुत ही आराम की जिंदगी जीता है”।भगवान बोले “तथास्तु”। और किसान राजा बन गया। राजा बनने के बाद वह बहुत खुश था उसके मन में जो आता सो काम करता जहाँ मन होता जाता वहां जाता। पर वह जब भी बाहर जाता तो बाहर निकलने पर उसे सूरज की किरणे चुभती थी। मजदूर ने मन में सोचा सूरज तो राजा से बड़ा होता है। तो किसान ने भगवान से पुनः आग्रह किया “हे भगवान मुझे सूरज बना दो सूरज राजा से बड़ा होता है”।भगवान ने उसे तथास्तू का वरदान दिया और सूरज बना दिया।अब वो बस इधर उधर घूम के चमकता रहता था। किन्तु, एक दिन अचानक बादल के एक टुकड़े ने सूरज को ढक लिया।
अब मजदूर ने फिर भगवान से विनय किया “हे भगवान मुझे बादल बनाओ बादल सबसे बड़ा होता है”।भगवान ने उसे पुनः तथास्तु का वरदान दिया और वो बादल बन गया जिधर मन होता वहां घूमता। घुमड़ घुमड़ कर बरसता उसने पूरी धरती जलमग्न कर दी परन्तु उसके पानी का चट्टान पर कोई असर ना होता। किसान ने मन में सोचा की चट्टान सबसे बड़ा होता है और उसने तुरंत भगवान से अर्जी की “हे भगवान मुझे चट्टान बनाओ चट्टान सबसे बड़ा होता है”। वह चट्टान बन गया। अब अचानक से एक मजदूर आया, उसके हाथ में छेनी हथौड़ी थी और वह चट्टान को तोड़ने लगा। अब वह किसान फिर चिल्लाया कि “हे भगवान मुझे वापिस किसान ही बना दो, किसान ही सबसे बड़ा होता है”।भगवान मुस्कराए और बोले “तथास्तु”!!!!अचानक से उस किसान की आँख खुली और वो पूरे प्रसन्नता के साथ अपने काम में लग गया उसका मन समझ गया की “जो आपका काम है वो दूसरा नही कर सकता अत: जो अपने काम को पूरे मन से करता है वही सबसे बड़ा होता है”।अपने जीवन में कोई भी सुखी नही है। एक इंसान दूसरे को देखकर जलता रहता है कि उसके पास कितना है मेरे पास वो सब क्यों नही है। जिसके पास सब है वो भी सुखी नही है और जिसके पास नही है वो भी सुखी नही है। सभी लोगों के लिए इस दुनिया में अलग अलग काम हैं। कोई भी काम छोटा या बड़ा नही होता सब कुछ बराबर होता है। इसलिए कभी भी किसी को भी देखकर ईर्ष्या नही करनी चाहिए।।