[ Hindi Story for kids ] पहाड़ों के बीच घना जंगल था। उसमें कई जानवर रहते थे। उन्ही सब में से एक हिरणी भी थी। एक दिन वह हिरणी अपने दो बच्चों के साथ घास और पत्तियाँ खा रही थी। हिरणी के बच्चे अभी बहुत छोटे थे, वह पहली बार अपनी मां के साथ जंगल में घास खाने आए थे। जंगल बहुत घना था और वहां अनेकों खूंखार जानवर भी थे। हिरणी बहुत डरी हुई थी की कहीं कोई जानवर न आ जाए और मेरे बच्चों को कोई नुकसान न पहुंचा दे।उधर उसके बच्चे जो पहली बार बाहर आए हुए थे, वह इधर-उधर खूब मजे और खुशी से घूम रहे थे। हिरणी पत्तियां खाने लगी और उधर बच्चे खेलते खेलते आगे निकल गए क्योंकि वह अन्य जानवरों से अनजान थे। हिरणी ने अपने बच्चों का पीछा किया और देखा की उसके दोनो बच्चे एक गुफा में घुस गए। वह हिरणी बहुत डर गई। वह गुफा एक बाघ की गुफा थी। गुफा के चारों ओर मरे हुए जानवरों की हड्डियाँ थीं। सौभाग्य से, बाघ उस समय गुफा के अंदर नहीं था। वह अपने शिकार की तलाश में बाहर गया हुआ था। हिरणी अपने बच्चों को गुफा से बाहर ले जाने की कोशिश कर रही थी। उसी समय उसे एक जोर की दहाड़ सुनाई दी। हिरणी ने गुफा से देखा तो उसे कुछ दूरी पर बाघ वापिस आता दिखाई दिया। बाघ गुफा की ओर आ रहा था। अब गुफा से बाहर जाना खतरनाक था।
हिरणी ने अपना दिमाग दौड़ाया और एक योजना सोची बनाई। बाघ गुफा के करीब आ गया था। हिरणी ने ऊंची आवाज में चिल्लाकर कहा, “मेरे छोटे छोटे बच्चों रोते नहीं हैं। मैं तुम्हारे खाने के लिए आज एक बाघ तो पकड़ ही लूंगी, उसके बाद हम सब साथ में मिलकर उसको खायेंगे। ये शब्द बाघ ने सुन लिये। गुफा के अंदर हिरणी की आवाज गूंज रही थी तो बाघ को समझ नही आया की वह एक हिरणी है। वह परेशान हो गया। उसने खुद से कहा, “गुफा से वह अजीब आवाज किसकी है? शायद एक खतरनाक जानवर मुझे पकड़ने के लिए अंदर रह रहा है। मैं मौत से बचने के लिए यहां से भाग जाता हूं। इतना कहकर बाघ यथासंभव तेजी से वहां से भागने लगा।
सियार और बाघ
बाघ को भागते हुए एक सियार ने देख लिया। सियार ने पूछा, “तुम इतने डरकर क्यों भाग रहे हो और कहां भाग रहे हो ? बाघ ने कहा, “मेरे दोस्त, एक शक्तिशाली और भयंकर जानवर मेरी गुफा में रहने के लिए आया है। बच्चे बाघ को खाने के लिए रो रहे हैं। माँ आशाजनक है उनके लिए एक बाघ को पकड़ना है। इसलिए, मैं बहुत डर के मारे भाग रहा हूँ कि कहीं वह आज के खाने में मुझे ही न खा लें। चालाक सियार को इस बात पर यकीन नही हो रहा था। बाघ कायर था यह बात सियार को पता थी। सियार ने बाघ से कहा डरो नहीं। कोई भी जानवर बाघ से अधिक क्रूर या ताकतवर नहीं है। तुम सबसे बड़े हो तुमसे बड़ा कौन है आइए इसका पता लगाने के लिए एक साथ चलें।”
लेकिन बाघ ने कहा, “मैं कोई जोखिम नहीं उठाना चाहता। तुम तेज भाग सकते हो, पता चले की तुम मुझे वहां उसके सामने छोड़ कर भाग जाओ। इसलिए, मैं तुम्हारे साथ नहीं आऊंगा।” सियार ने कहा, “मुझ पर विश्वास करो। चलो अगर तुम्हे मुझ पर विश्वास नहीं है तो मैं तुम्हारी और अपनी पूंछ साथ बांध देता हूं, फिर मैं तुम्हें छोड़ कर नहीं भाग पाऊंगा। बाघ ने न चाहते हुए भी इस प्रस्ताव को स्वीकार कर लिया। सियार ने एक साथ दोनो पूंछ में गाँठ बाँध दी। अब वे एक साथ गुफा की ओर चल दिये। अभी तक भी हिरणी अपने बच्चों को लेकर वहां से नही निकल पाई थी। हिरणी ने सियार और बाघ को एक साथ आते देखा। तो उसने फिर अपना दिमाग लगाया और उसी प्रकार की आवाज निकाली। वह गुफा के अंदर खड़े अपने बच्चों की ओर चिल्लाई, “मेरे प्यारे बच्चों, मैंने उसके दोस्त, चतुर सियार से हमारे लिए एक बाघ पकड़ने का अनुरोध किया था। अब देखो सियार ने हमारे लिए एक बाघ को पकड़ लिया है और इधर ही ला रहा है। सियार ने बाघ की पूंछ को अपनी पूंछ से बांध रखा है ताकि बाघ भागने न पाए। जल्द ही हमारे रात्रि भोज के लिए आपके पास बाघ होगा।”
यह बात बाघ ने सुन ली। उनके दिमाग़ के पुर्जे हिल चुके थे। अब वह आश्वस्त था कि सियार ने उसे धोखा दिया। इसलिए, बाघ ने अपनी गुफा के अंदर खड़े भयानक जानवर से बचने का फैसला किया। वह भागने लगा। वह सियार के बारे में भूल गया और जैसे उनकी पूंछ बंधी हुई थी वह वैसे ही वहां से भागने लगा। उसने सियार को चट्टानों और कांटों पर घसीटा। भागते समय सियार दो चट्टानों के बीच फंस गया। बाघ ने अपनी पूरी ताकत से खींचा तो इसमें बाघ की पूँछ कट गयी और सियार की मौत हो गयी। बिना पूँछ वाला बाघ जंगल के दूसरे हिस्से में भाग गया। हिरणी और उसके बच्चे बाघ की गुफा से बाहर निकल गए। वे सुरक्षित रूप से अपने झुण्ड में शामिल हो गये। अगर हम अपने दिमाग का इस्तेमाल अच्छे तरीके से करें तो हम कुछ भी कर सकते हैं, किसी भी मुश्किल का हल आसानी से निकाल सकते हैं और वहीं अगर हम उस बाघ की तरह बिना कुछ सोचे समझे फैसला ले लेंगे की नही हमसे ये नही होगा हमें इस चीज को छोड़ देना चाहिए तो वो हमेशा के लिए ही छूट जायेगी। स्वयं पर विश्वास रखने से सब कुछ संभव हो जाता है फिर चाहे वह कितनी भी मुश्किल घड़ी क्यू ना हो बस हमें हार नही माननी चाहिए।।