कारगिल विजय दिवस: भारत के वीर बहादुर जांबाजो ने दिखाया था अद्भुत अविश्वनीय पराकर्म।
Kargil Vijay Diwas जैसा की आप सबको पता ही है हर साल की तरह इस साल भी 26 जुलाई को कारगिल विजय दिवस के रूप में मनाया जा रहा है क्योंकि 26 जुलाई 1999 को ही भारतीय सैनिकों ने कारगिल पर विजय प्राप्त की थी ।
इस दिन को इसलिए विजय दिवस कहा जाता है क्योंकि बहुत से भारतीय सैनिको ने देश की रक्षा करते हुए अपने प्राणों का बलिदान कर दिया था। 1947 के बंटवारे के बाद भी पाकिस्तान भारत पर हर तरफ से कब्जा करना चाह रहा था लेकिन हमारे भारतीय सैनिकों ने अपना प्रारकम दिखाते हुए उन्हें कभी भी भारत की ओर आँख उठाने नहीं दिया और अपनी वीरता का परिचय दिया।
Kargil Vijay Diwas
कारगिल का युद्ध जम्मू कश्मीर के कारगिल इलाके में हुआ था जो की जम्मू से लगभग 250 किमी दूर है,यह युद्ध लगभग 2 महीने मई से जुलाई के बीच चला, यहां का तापमान लगभग -10 डिग्री सेल्सियस तक होता है उसके बावजूद भी हमारे सेना के वीरों ने वहां पर डट कर पाकिस्तान सैनिकों का सामना किया, जिसके परिणाम स्वरूप उन्होंने 26 जुलाई 1999 के दिन ही विजय प्राप्त कर ली थी, कारगिल युद्ध का मुख्य कारण यह था कि 1971 के बाद पाकिस्तान भारत पर कश्मीर को अपने इलाके में लेना चाह रहा था और वहां पर हमेशा ही तनावपूर्ण माहौल बना रहता था, पाकिस्तान हमेशा सही चाहता था कि कश्मीर का मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर उछाला जाए ताकि कश्मीर हमारे पास आ जाए, इसीलिए पाकिस्तानी सैनिकों ने भारत की कुछ बड़ी-बड़ी चोटियों पर एलओसी क्रॉस करके उस पर कब्जा करना शुरू कर दिया, जब कारगिल में बहुत ज्यादा ठंड का मौसम होता है वहां पर चारों तरफ ही बर्फ ही बर्फ रहती है इस कारण से वहां से भारतीय सैनिकों को ऊपर की चोटियों से नीचे बुला लिया जाता हैं कुछ महीनों के लिए, उस दौरान ही पाकिस्तानी सैनिकों ने चोरी से उन चोटियों पर कब्जा कर लिया था, जब वह लोग कारगिल पहुंचे तब वहां की कुछ स्थानीय लोगो ने यह बात भारतीय सैनिकों तक पहुंचाई भारतीय सैनिकों को जैसे ही यह बात पता लगी वह लोग कारगिल की तरफ कुच करने लगे और वहां पर ऊंची ऊंची चोटियों और पहाड़ों पर बैठे हुए पाकिस्तानी सैनिकों का डटकर मुकाबला किया और उन्हें वहां से दूर भगा दिया ।
5000 पाकिस्तानी सैनिकों ने लगभग ऊंची ऊंची चोटी और पहाड़ों पर चुपके से चोरी चोरी आकर अपने कैंप लगा लिए थे वहां पर उस सीमा पर कब्जा करके बैठ गए थे जिसके बाद हमारे सैनिकों ने फिर अपनी बुद्धि का इस्तेमाल किया और ऊपर बैठे सैनिकों को बहुत कड़ी मशक्कत के बाद मार गिराया।
5000 पाकिस्तानी सैनिकों को वहां से खदेड़ कर उनको वापस पाकिस्तान खदेड़ दिया, इस युद्ध को जीतने के लिए हमारे कई सैनिक शहीद हो गए, इसीलिए इसे विजय दिवस के रूप में भी मनाया जाता है, हमारे देश के प्रधानमंत्री 26 जुलाई के दिन उन वीर शहीदों की याद मे उनको को श्रद्धांजलि देते हैं।
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