Moral of the Story Hindi: झूठ ज्यादा दिन नहीं चलता
सियारों का बहुत बड़ा झुंड था जो कि एक जंगल में रहता था। जंगल में कई प्रकार के अन्य जानवर भी रहते थे। जंगल के पास ही एक गांव भी था। सभी सियार जंगल में रहते थे परंतु एक साहसी सियार था जो अक्सर भोजन की तलाश में गाँव में घूमता रहता था। वह गाँव में जाता और खाना मिलने पर वहां से वापिस जंगल में आ जाता था।
गांव के लोगों ने कुत्ते पालना शुरू कर दिया। गांव अब लगभग कुत्तों से भर गया था। सियार जब भी गांव में आता तो वह सियार को डराते थे और भगा देते थे। सियार भी कुत्तों से बहुत डरता था। परंतु सियार को खाना बहुत पसंद था और इस चक्कर में वह बार-बार गांव में जाता रहता था।
अब एक दिन की बात है जब सियार गांव में पहुंचा और वह एक घर में प्रवेश करने ही जा रहा था, कि तभी उसे भौंकने की आवाज़ सुनाई दी। उसने देखा कि कुत्तों का एक बड़ा झुंड उसकी तरफ भागते हुए आ रहा था उस झुंड को अपनी ओर भागते देख वह हैरान रह गया। वे हिंसक लग रहे थे और सियार घबरा गया।
सियार वहां से भाग रहा था कि तभी गांव में एक कपड़े रंगने वाला व्यक्ति कपड़े रंग रहा था और उसने एक बड़े से टब में एक नीले रंग का घोल बना रखा था। सियार भागते भागते उस नीले रंग के टब में जा गिरा। कुत्ते उसे उस टब में देख नहीं सके और वे दूसरी ओर भाग गए।
अब सियार सिर से पाँव तक पूरा नीला पड़ गया था। वह किसी भी अन्य जानवर से बहुत अलग दिखाई देता था परंतु सियार को इस बात का तनिक भी आभास नही था।
सियार टब से निकला और जंगल की तरफ चल दिया। अब जंगल में जाते ही सब जानवर सियार को बड़े अचंभे से देखने लगे। सियार को अभी भी कोई आभास नही था, वह भी सोच में पड़ गया की आज यह सभी मुझे ऐसे क्यू देख रहे हैं।
सियार को प्यास लगी थी और वह तालाब के पास पहुंचा सियार ने खुद को पानी में देखा तो वह खुद भी अचंभे में पड़ गया। सियार यह सब देख कर खुश था क्योंकि कोई भी उसे पहचान नहीं पाएगा और वह जंगल में किसी को भी आसानी से बेवकूफ बना सकता था।
जैसा उसने सोचा था, जंगल में हर कोई ऐसे असामान्य जानवर को देखकर आश्चर्यचकित था।
छोटे जानवर, शेर और बाघ सभी ने पूछा कि वह कौन है और उसे किसने भेजा है?
“मुझे स्वयं भगवान ने आपकी देखभाल के लिए भेजा है। मैं अब इस जंगल का राजा बनूँगा” सियार ने कहा।
शेर ने इस बात से विरोध करते हुए कहा कि वह हमेशा से जंगल का राजा रहा है और वह ऐसे ही किसी को भी अपना राजा नही मानेगा।
सियार ने खुशी से कहा “अब से, यह बदलना होगा और आप सभी को मेरी सेवा करनी होगी।”
बाघ जैसे कुछ जानवरों ने विरोध किया और पूछा कि अगर वे उसकी बात नहीं मानेंगे तो क्या होगा?
सियार ने जवाब दिया कि अगर उन्होंने ऐसा नहीं किया तो भगवान पूरे जंगल को नष्ट कर देंगे।
अपने जीवन और अपने जंगल के लिए डरे हुए जानवरों ने नीले सियार से पूछा कि वह उनसे क्या करवाना चाहता है?
नीले सियार ने तुरंत कहा, “मेरे लिए ढेर सारा खाना लाओ।”
जानवर तेजी से भागे और सियार के लिए ढेर सारा भोजन लेकर लौट आए।
अब सियार के पास इतना भोजन हो गया था कि उसने अपना बचा हुआ भोजन अन्य जानवरों को दे दिया और उनसे कहा कि उन्हें हर दिन उसे ताजा भोजन परोसना होगा।
यहां तक कि उसने सियारों के झुंड को भी जंगल से बाहर फेंक दिया क्योंकि वह जानता था कि किसी दिन वे उसे पहचान लेंगे।
नीला सियार पूरे जंगल को बेवकूफ बनाकर अपने आप से बहुत खुश था और शहर के कुत्तों से दूर रहकर भी खुश था।
लेकिन किसी का भी सच ज्यादा दिनों तक छुपा नहीं रह सकता है। आखिरकार एक दिन सियार का सच भी सामने आ ही गया।
बात कुछ ऐसी हुई की एक दिन सियार ने सभी जानवरों की सभा लगाई और सियार एक ऊंचे पत्थर पर जा बैठा वह जानवरों से बातें कर रहा था कि तभी अचानक से बारिश आ गई और सियार को इस बात का आभास नही था की उसका यह नीला रंग उतरेगा। धीरे धीरे बारिश की वजह से सियार का सारा रंग धुल गया और सभी जानवरों ने उसे पहचान लिया।
अब क्या था की सभी जानवरों ने मिल कर सियार को अधमरा कर दिया और इसकी वजह से सियार की कुछ दिन बाद मृत्यु हो गई।
“कभी भी किसी से झूठ न बोलें सभी का झूठ एक न एक दिन पकड़ा ही जाता है। अपने प्रति सच्चे रहें और ऐसे व्यक्ति होने का दिखावा न करें जो आप नहीं हैं।”