Nanda Devi Mandir | नंदा देवी मंदिर

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Nanda Devi Mandir, Nanda Devi Temple

Nanda Devi Mandir नंदा देवी मंदिर एक प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। जो की  उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले में स्थित है।  यह मंदिर नंदा देवी पर्वत  की चोटी पर स्थित है, जिसको भारत की सबसे ऊंची चोटी माना जाता है। नंदा देवी को कुमाऊं क्षेत्र की कुलदेवी माना जाता है और इस मंदिर में उनकी पूजा की जाती है।

नंदा देवी की पूजा प्राचीन समय से ही होती आ रही है, इनके प्रमाण  पुराणों उपनिषदो और धार्मिक ग्रंथो में मिलते हैं।  नंदा देवी का मूल मंदिर अल्मोड़ा में है, इसके अलावा आपको नंदा देवी के मंदिर कुमाऊँ में बदियाकोट, डंगोली, कर्मी, पोथिंग, रणचूला,   सोराग,   चिल्ठा, सरमूल आदि जगहो  पर नंदा के मंदिर हैं।

 इस मंदिर का नाम नंदा देवी मां के नामांतरण से आया है जिन्हें भगवान शिव की पत्नी और देवी गौरी के संस्कृत नाम से जाना जाता है। यह नंदा देवी मंदिर का एक संक्षेपिक उपनाम है।

विवरणजानकारी
स्थानअल्मोड़ा, उत्तराखंड
ऊंचाई
7,816 मीटर (25,643 फीट)
स्थापना18वीं शताब्दी
देवतानंदा देवी और हिमालय
मेलाचैत्र शुक्ल पंचमी से छठमी तक

नंदा देवी मंदिर का इतिहास

नंदा देवी मंदिर का निर्माण 18वीं शताब्दी में किया गया था। ऐसा मन जाता है कि इस मंदिर का निर्माण एक स्थानीय राजा ने करवाया था, जो नंदा देवी के भक्त थे। मंदिर का निर्माण पत्थर और लकड़ी से किया गया है और इसकी  वास्तुकला कुमाऊं क्षेत्र की पारंपरिक शैली में है।

नंदा देवी मंदिर अनेक पौराणिक कथाओं से जुड़ा हुआ है। इसे मां पार्वती के नंदा रूप की पूजा के लिए जाना जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, नंदा देवी मां धरती पर धर्म और मानवता के लिए शक्ति का प्रतीक हैं।

Nanda Devi Mandir मूर्तियों की मान्यता

मंदिर में नंदा देवी और उनके पिता हिमालय की मूर्तियां हैं। नंदा देवी की मूर्ति को एक विशाल पत्थर पर  उकेरा गया है और वह एक सिंह पर सवार हैं। हिमालय की मूर्ति को लकड़ी से बनाया गया है और वह एक हाथ में त्रिशूल और दूसरे हाथ में कमल का फूल लिए हुए हैं।

नंदा देवी मंदिर पर महोत्सव

Nanda Davi Mandir, Nanda Davi Tample
Nanda Devi Mandir: नंदा देवी के मेले की झांकी की एक झलक

नंदा देवी मंदिर में प्रतिवर्ष  एक बड़ा मेला लगता है। यह मेला चैत्र शुक्ल पंचमी से शुरू होता है और छठमी तक चलता है। मेले में नंदा देवी की पूजा की जाती है और भक्त उन्हें अर्घ्य देते हैं। मेले में कई तरह के कार्यक्रम भी होते हैं, जैसे नृत्य, संगीत और नाटक।

नंदा देवी मंदिर विभिन्न पर्वतीय उत्सवों के लिए प्रसिद्ध है। महाशिवरात्रि, नवरात्रि, और दीपावली जैसे पर्वों पर यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं और मां नंदा देवी को भोग, आरती और भक्ति से पूजते हैं। इन उत्सवों के समय मंदिर में माँ की पूजा का पाठ किया जाता है और संगीत और नृत्य की आयोजना होती है |

मंदिर (Nanda Devi Mandir) तक कैसे पहुंचा जाये

यदि आप एक आध्यात्मिक अनुभव की तलाश में हैं, तो नंदा देवी मंदिर की यात्रा अवश्य करें. यह यात्रा आपको जीवन के वास्तविक अर्थ को समझने में मदद करेगी और आपको शांति, प्रेम और आनंद का अनुभव कराएगी.

नंदा देवी मंदिर अल्मोड़ा से लगभग 30 किलोमीटर दूर है। आप मंदिर तक सड़क मार्ग से या हेलीकॉप्टर से जा सकते हैं।

Nanda Davi Mandir, Nanda Davi Tample

Reach Nanda Devi Mandir By Air:

अल्मोड़ा के पास सबसे निकटतम हवाई अड्डा पंतनगर में है, जो एक प्रसिद्ध कृषि विश्वविद्यालय के स्थान पर स्थित है, लगभग 127 किलोमीटर दूर है।

Nanda Devi Mandir By Train:

अल्मोड़ा से लगभग 90 किलोमीटर दूर कठगोदाम में सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन है। कठगोदाम को रेल से सीधे दिल्ली, भारत की राजधानी, लखनऊ, उत्तर प्रदेश की राजधानी, देहरादून, उत्तराखंड की राजधानी, से जोड़ा गया है।

Nanda Devi Mandir By Road:

नंदा देवी मंदिर, अल्मोड़ा सड़क नेटवर्क के माध्यम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है। उत्तराखंड में वायु और रेल संचार सीमित होने के कारण, सड़क नेटवर्क बेहतर और आसानी से उपलब्ध परिवहन विकल्प है। आप या तो अल्मोड़ा जाने के लिए खुद गाड़ी चला सकते हैं या दिल्ली या किसी अन्य नजदीकी शहर से अल्मोड़ा पहुंचने के लिए कैब/टैक्सी की नियुक्ति कर सकते हैं।

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